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मंगलवार, 10 अगस्त 2010

यह कविता जय  प्रकाश नारायण  की जन्म  शताव्दी समारोह(११ अक्टूबर २००२ ) के अवसर पर शेरघाटी से प्रकाशित पत्रिका में प्रकाशित हुई

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